मुंबई के एक उपभोक्ता आयोग ने फ्लिपकार्ट को एक ग्राहक को ₹10,000 का हर्जाना देने का आदेश दिया है। ग्राहक ने फ्लिपकार्ट पर जुलाई 2022 में एक iPhone ऑर्डर किया था, जिसको रद्द कर दिया गया था। आयोग ने माना है कि फ्लिपकार्ट ने अनुचित व्यापारिक तरीके अपनाए और ग्राहक को मानसिक परेशानी पहुंचाई।
ग्राहक को मानसिक परेशानी के लिए मुआवजा देने का आदेश
एक ग्राहक की शिकायत पर मुंबई स्थित उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अहम फैसला सुनाया है। ग्राहक का आरोप है कि उसने जुलाई 2022 में Flipkart से क्रेडिट कार्ड के जरिए ₹39,628 का भुगतान कर एक iPhone ऑर्डर किया था। लेकिन, बाद में कंपनी ने उसका ऑर्डर रद्द कर दिया, जिससे ग्राहक को मानसिक परेशानी हुई।
आपबीती ग्राहक की जुबानी:
ग्राहक का कहना है कि उसने जुलाई 10, 2022 को फ्लिपकार्ट से क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ₹39,628 का भुगतान कर एक iPhone ऑर्डर किया था। फोन को 12 जुलाई को डिलीवर होना था, लेकिन छह दिन बाद उसे Flipkart से एक एसएमएस मिला कि उसका ऑर्डर रद्द कर दिया गया है।
ग्राहक का आरोप:
ग्राहक से संपर्क करने पर, कंपनी ने बताया कि उनके एकार्ट डिलीवरी बॉय ने प्रोडक्ट को देने के कई प्रयास किए लेकिन ग्राहक अनुपस्थित था, इसलिए ऑर्डर रद्द कर दिया गया। ग्राहक का कहना है कि रद्द करने से उन्हें नुकसान हुआ है और मानसिक परेशानी भी हुई है। साथ ही ऑनलाइन धोखाधड़ी का भी शिकार हो सकते थे।
फ्लिपकार्ट का जवाब:
फ्लिपकार्ट का कहना है कि ग्राहक ने गलती से उन्हें प्रोडक्ट का विक्रेता मान लिया। कंपनी का कहना है कि वे केवल एक मध्यस्थ के रूप में एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करते हैं, और प्लेटफॉर्म पर सभी उत्पाद स्वतंत्र तृतीय-पक्ष विक्रेताओं द्वारा बेचे और आपूर्ति किए जाते हैं।
फ्लिपकार्ट का दावा
फ्लिपकार्ट का दावा था कि ग्राहक ने उन्हें गलती से विक्रेता समझ लिया। उनका कहना था कि वे सिर्फ एक मध्यस्थ के रूप में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म चलाते हैं और उनके प्लेटफॉर्म पर सभी उत्पाद स्वतंत्र थर्ड-पार्टी विक्रेताओं द्वारा बेचे जाते हैं।
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लेकिन, आयोग इस दलील से सहमत नहीं हुआ। आयोग ने पाया कि फ्लिपकार्ट ने ऑर्डर को रद्द करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया, बल्कि यह माना कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया ताकि वह अतिरिक्त लाभ कमा सके।
ग्राहक का दावा
ग्राहक का दावा था कि फ्लिपकार्ट ने उन्हें बताया कि उनके एकार्ट डिलीवरी कर्मचारी द्वारा प्रोडक्ट को देने के कई प्रयास किए गए, लेकिन ग्राहक अनुपस्थित था। हालांकि, ग्राहक का कहना था कि वे लगातार फ्लिपकार्ट के संपर्क में थे और उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी चिंता पर ध्यान दिया जा रहा है।
आयोग का आदेश
अंत में, आयोग ने फ्लिपकार्ट को ग्राहक को हुई मानसिक परेशानी और पीड़ा के लिए ₹10,000 और खर्च के लिए ₹3,000 मुआवजा देने का आदेश दिया। यह फैसला उन उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है जो ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं और उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म द्वारा अपनाए गए अनुचित व्यापारिक तरीकों से बचाता है।