मिर्जापुर सीजन 3: गुड्डू भैया का जलवा कायम, कहानी में थोड़ी कमी

मिर्जापुर सीजन 3 आज प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गया है। इस बार दर्शकों को मुन्ना भैया की कमी खलने वाली है। लेकिन गुड्डू भैया एक बार फिर अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लेंगे।

मिर्जापुर सीजन 3 (Mirzapur season 3) आखिरकार आ गया है, और दर्शक बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे थे। यह सीज़न गुड्डू भैया (अली फज़ल) के इर्द-गिर्द घूमता है, जो अब मिर्जापुर की गद्दी पर बैठ चुके हैं। लेकिन मुन्ना भैया (दिव्येंदु शर्मा) की कमी खलती है, और कहानी में थोड़ा कम दम है।

मिर्जापुर सीजन 3 की कहानी:

मिर्जापुर सीजन 3 (Mirzapur season 3), इस सीजन में मुन्ना भैया इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, कालीन भैया कोमा में हैं और गुड्डू भैया मिर्जापुर की गद्दी पर बैठ चुके हैं। लेकिन पूर्वांचल का बाहुबली कौन होगा, इस पर लड़ाई अब भी जारी है। शरद शुक्ला और शत्रुघन भी पूर्वांचल की गद्दी चाहते हैं। इस बीच राजनीति का अलग खेल चल रहा है, पंडित जी पर एसएसपी की मौत का केस चल रहा है, वहीं डिंपी और रॉबिन की लव स्टोरी भी आगे बढ़ती है। लेकिन गद्दी पर कौन बैठेगा, कालीन भैया का क्या होगा, ये सब जानने के लिए आपको मिर्जापुर का सीजन 3 देखना पड़ेगा।

कैसी है मिर्जापुर सीजन 3 सीरीज:

मिर्जापुर वो सीरीज है जिसका अपनी एक अलग ही भौकाल है, और जिसका एक अलग ही फैन बेस है। इस सीरीज को देखने के लिए लोग खासतौर पर छुट्टी लेते हैं, लेकिन इस बार भौकाल पहले दो सीजन के मुकाबले कम है। सीरीज थोड़ी खींची हुई लगती है, एक्शन वाले सीन भी कम हैं और वॉयलेंस भी कम है। मुन्ना भैया की कमी खलती है और कालीन भैया भी ज्यादा भौकाल नहीं मचाते हैं। कुछ सीन ही ऐसे हैं जो दर्शकों को बांधे रखते हैं लेकिन  कुछ सीन ऐसे भी हैं जो मजेदार हैं, और एक-दो ही ऐसे सीन हैं जो आपको हिला डालते हैं।

मिर्जापुर सीजन 3
image: Primevideo

मिर्जापुर से उम्मीदें काफी ज्यादा होती हैं, ये सीरीज अच्छी है लेकिन शानदार नहीं और हां खराब तो बिल्कुल नहीं है। मिर्जापुर के फैंस को अच्छी तो लगेगी लेकिन उन्हें भी भौकाल में कमी जरूर महसूस होगी। कई सीक्वेंस जरूरत से ज्यादा खींचे गए हैं, गुड्डू भैया के कंधों पर पूरी जिम्मेदारी है। वो जब जब आते हैं मजा आ जाता है, लेकिन 10 एपिसोड को गुड्डू भैया अकेले तो खींच नहीं सकते थे।

अली फजल, अंजुम, विजय वर्मा, श्वेता त्रिपाठी शर्मा और अन्य कलाकारों का शानदार अभिनय

मिर्जापुर अपनी भौकाल और दमदार कहानी के लिए जाना जाता है। मिर्जापुर सीजन 3 इस सीरीज़ में अली फजल ने गुड्डू भैया के किरदार में जान डाल दी है। वो जिस तरह से लोगों को डराते हैं और मारते हैं, वो कमाल का है। इस बार उन्होंने एक अलग तरह का इमोशन भी दिखाया है। पंकज त्रिपाठी का रोल और भौकाल दोनों कम है, इसलिए मजा भी कम आया है। रसिका दुग्गल, अंजुम शर्मा, विजय वर्मा, श्वेता त्रिपाठी शर्मा, राजेश तैलंग, ईशा तलवार, लिलिपुट और प्रियांशू पेन्यूली ने भी अपने-अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।

अंजुम ने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया है। उनका किरदार कहानी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और वह इसे बखूबी निभाती हैं। विजय वर्मा, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में अपनी प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीता है, इस सीज़न में थोड़े कमजोर किरदार में नज़र आते हैं।

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श्वेता त्रिपाठी शर्मा ने ‘गोलू’ के किरदार में शानदार अभिनय किया है। वह गुड्डू भैया का मजबूती से साथ देती हैं और अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराती हैं। राजेश तैलंग को इस सीज़न में पर्याप्त स्क्रीन स्पेस मिला है और उन्होंने अपने किरदार को जीवंत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

मुख्यमंत्री के किरदार में ईशा तलवार प्रभावशाली हैं, दद्दा के रूप में लिलिपुट का अभिनय मनोरंजक है, और प्रियांशू पेन्यूली भी अपनी भूमिका में ठीक-ठाक हैं।

मिर्जापुर सीजन 3 के निर्देशन में कमी :

गुरमीत सिंह और आनंद अय्यर ने मिर्जापुर सीजन 3 (Mirzapur season 3) इस सीरीज़ का निर्देशन किया है। उनका निर्देशन ठीक है, लेकिन दर्शकों को इससे बेहतर की उम्मीद थी। मिर्जापुर जैसी दमदार सीरीज़ में, भौकाल और रोमांच का स्तर बढ़ना चाहिए था, लेकिन यह थोड़ा कमजोर रहा। निर्देशकों को कहानी में कुछ और मसाले डालने चाहिए थे ताकि दर्शक बंधे रहें।

निष्कर्ष:

कुल मिलाकर, मिर्जापुर सीजन 3 (Mirzapur season 3) एक अच्छी सीरीज़ है, लेकिन यह शानदार नहीं है। यदि आप मिर्जापुर के फैन हैं, तो आपको इसे ज़रूर देखना चाहिए, लेकिन यदि आप एक बेहतरीन कहानी और रोमांचक अनुभव की तलाश में हैं, तो यह सीज़न आपको थोड़ा निराश कर सकता है।

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