Mission Gaganyaan: भारत पृथ्वी से 400 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में अपने पहले अंतरिक्ष यात्रियों, “व्योमनॉट्स” को भेजने की तैयारी में

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने “Mission Gaganyaan” के तहत पृथ्वी से 400KM दूर जिन चार अंतरिक्ष यात्रियों भेजने वाली है, उनके नामों की घोषणा की है, जिन्हें व्योम नॉट्स कहा जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने “Mission Gaganyaan” के तहत पृथ्वी से 400 km दूर अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले अपने पहले चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है। इन यात्रियों को “व्योम नॉट्स” कहा जाएगा, जो वायु सेना के पायलट हैं। “व्योम” का संस्कृत में अर्थ है अंतरिक्ष और “नॉट्स” ग्रीक शब्द “नॉटिकल” से लिया गया है, जिसका अर्थ है नाविक।

Mission Gaganyaan
image: X/Narendra modi

Mission Gaganyaan Lunch date

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) जिस मिशन के साथ अंतरिक्ष में यात्रियों को भेजने वाला है, उसे गगनयान मिशन नाम दिया गया है, इसे अंतरिक्ष में 2024 के अंत तक लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर दूर एक स्पेस कैप्सूल में तीन दिनों के लिए भेजा जाएगा।

गगनयान मिशन तहत अंतरिक्ष भेजे जाने वाले व्योम नॉट्स के नाम

Indian Space Research Organisation (ISRO) जिन चार वायु सेना के पायलट को पृथ्वी से 400 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में भेजने वाली है, उन्हें व्योम नोट्स नाम दिया गया है। संस्कृत में “व्योम” का अर्थ होता है, अंतरिक्ष और ग्रीक शब्दावली से “नॉट्स” को लिया गया है जिसका अर्थ होता है “नाविक”। ISRO द्वारा अंतरिक्ष में भेजे जाने चारों व्योम नॉट्स के नाम निम्न है :

  • ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर
  • ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप
  • ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन
  • विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया सम्मानित

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर इन पृथ्वी से 400 KM दूर अंतरिक्ष में जाने वाले चारों “व्योम नोट्स” को वायु सेना और ISRO (Indian Space Research Organisation) द्वारा जारी किए गए एक स्पेशल बैच “अंतरिक्ष यात्री पंख” को व्योम नॉट्स को प्रदान किया और उन्हें सम्मानित किए।

भारत: मनुष्यों को अंतरिक्ष भेजने वाला चौथा देश

भारत गगनयान मिशन के साथ मनुष्यों को अंतरिक्ष भेजने वालों देश में , अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया का चौथा देश होगा। इससे पहले भारत से सर्वप्रथम अंतरिक्ष यात्री विंग कमांडर राकेश शर्मा जी थे, जो 1984 में सोवियत संघ की सहायता से अंतरिक्ष गए थे।

40 साल बाद फिर से भारतीय स्पेस में

लेकिन अब 40 साल बाद फिर से भारतीय स्पेस में जा रहे हैं और इस बार काउंटडाउन भी हमारा होगा और रॉकेट भी। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा और यह देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय शुरू करेगा। 

मिशन गगनयान: भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण

गगनयान मिशन भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा और यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा क्षमताओं में एक बड़ी छलांग होगी। गगनयान मिशन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह देश के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

1. गगनयान मिशन क्या है?

गगनयान मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा चलाया गया एक मानवयुक्त अंतरिक्ष कार्यक्रम है। इसका लक्ष्य चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर दूर अंतरिक्ष में भेजना है, जहां वे तीन दिनों तक रहेंगे।

2. “व्योम नॉट्स” का क्या अर्थ है?

“व्योम नॉट्स” उन चार अंतरिक्ष यात्रियों को दिया गया नाम है जिन्हें गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। “व्योम” का संस्कृत में अर्थ अंतरिक्ष होता है और “नॉट्स” ग्रीक शब्द “नॉटिकल” से लिया गया है, जिसका अर्थ नाविक होता है। इसलिए, “व्योम नॉट्स” का अर्थ अंतरिक्ष यात्री होता है।

3. गगनयान मिशन कब लॉन्च होगा?

गगनयान मिशन को 2024 के अंत तक लॉन्च करने की योजना है।

4. गगनयान मिशन के लिए चुने गए व्योम नॉट्स कौन हैं?

इसरो द्वारा चुने गए चार व्योम नॉट्स भारतीय वायुसेना के पायलट हैं: ग्रुप कैप्टन प्रशांत, नायरग्रुप कैप्टन अंगद, प्रतापग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन, विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला

5. भारत अंतरिक्ष में यात्री भेजने वाला कौन सा देश होगा?

गगनयान मिशन के साथ, भारत मनुष्यों को अंतरिक्ष भेजने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा, अमेरिका, रूस और चीन के बाद।

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